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अविनाश पाठक 9066th day

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किसी भी स्कूल मे *सत्यवादी बनना, साहसी बनना, अपना मार्ग चुनना और स्वयं पर नियंत्रण करना नहीं सिखाया* जाता आम स्कूलों में किताब रटाई जाती है और अच्छा तोता अच्छे नंबर लाता है । आर्य शिक्षा गुण पर आधारित थी 8 वर्ष से 25 वर्ष की आयु में 60 गुण सिखाए जाते थे जो कि आज की 60 डिग्रियों से भी ज्यादा है तो हम आज बेहतर हैं या पहले थे एक सवाल मन में है UHO यूनिवर्सिटी UHO स्कूल विश्व के सबसे बेहतरीन स्कूल और यूनिवर्सिटी होंगे , और यह सिद्ध मेरे शिष्य करेंगे ...... *हर शाम को अवियोग अभ्यास जरूर करें* 

Avinash Pathak 9058th day

ईश्वर का अंश हर जीव मे है, जितने नाम है सब उसी के है, तुम किसी भी प्रकार से उसे याद करो वो सुनता है अध्यात्म का विकास सत्य से संभव है, सत्य के बिना, भक्त की सारी क्रियाएँ पाखंड है.... इसलिए गुणों मे ईश्वर को लाओ जब ऐसा होगा, दुनिया इधर उधर होगी तुम अकेले इस विश्व को पराजित करने का सामर्थ रखोगे.....    अच्छा बुरा नही सत्य के समर्थक रक्षक बनो तभी ईश्वर को अनुभव कर पाओगे, 

Avinash Pathak 8948th day (12 jan 2022)

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सत्य और युवा  एक वैचारिक क्रांति जो अपने लेखों के माध्यम से चला रहा हूँ, *सत्य* जिसके जीवन मे है वो *युवा* ही सही मायने मे युवा है, सत्य को *बोलने*, मे नही *सुनने* मे और *स्वीकार* करने मे जो साहस लगता है वो अनुभव........ सबके पास नही - ⛩  जीवन मे सत्य अनिवार्य है                   ©  Avinash Pathak