मै ऐसे सोचता हूँ, देश की रक्षा पर संदेह नही पर आंतरिक रक्षा का क्या, चोर भेड़िये अधिकारी और नेता, *एक लाख करोड़* का भृष्टाचार, अभी बस 75 वर्षो मे किया है, देश को यूँ ही छोड़ दूँ मे, तो गुलाम नौकर मानसिक लोग और चोर ही बचेंगे देश मे नागरिक जैसा कुछ नही रहेगा, मन से सैनिक बने,
टिप्पणियाँ