Avinash Pathak 1350th week
10.27 am- अध्यात्म
यानी आत्मा और परमात्मा का संबंध भक्त और भगवान का संबंध इसके बीच में कोई नहीं होना चाहिए मैं प्रकृति में आकर खो जाता हूं UHO आज प्रोग्राम था और एक avinaas legal services के क्लाइंट को मैंने मना किया अभी किसलिए बस इन वृक्षों मैं बैठकर चिड़ियों की चहचहाहट सुनने के लिए
9.42pm - आज अकेला महसूस कर रहा पर ये दुःख बाला अनुभव नही, मेरे पास एक तरफ समर्थक, सब कुछ है वो मेरा सम्राट रूप है पर एक हिस्सा( संत भाग) जो पूर्णतः खाली है
जो केवल प्रेम से भरा जा सकता,
ईश्वर मुझे आज दर्शन देदे तो आज इस संसार का सफर रोक दूँ।
में अपने जीवन भर अच्छा दोस्त रहा हूँ, जिसका सबने फायदा उठाया है कोई रुपए खा गया कोई धोका, कोई कुछ मुझे सबकुछ पता होते हुए भी में हस देता हूँ बड़ा बचकाना लगता ये सब
जितने मुझसे मिले हैं उनकी किस्मत अच्छी है उन्हें एक सच्चा मित्र मिला है जो उनके लिए उनके माता पिता से ज्यादा सोचता है ये मेरे खून में है ते ब्रह्माण्ड कर्म मेरे मन में भी है
में हर जीव का भला सोचता हूं, मेरा भला ईश्वर देखेंगे
टिप्पणियाँ
Wah itna soch rhya hai sbki life ka tbhai baitha h🤣🤣